ना जाने क्यों वो मुझ से दूर हैं
इक पल उनके बिना बिताया नहीं जाता
उनकी यादें ही अब साँसों की कासिम(१) हैं
वर्ना रिश्ता-ए-ज़िंदगी निभाया नहीं जाता
उनकी गलियों में मफर(२) सी रिहाइश में हैं
हू-ब-हू उनसा कोई साया नहीं आता
रात होते चाँद में नज़र गड़ सी जाती है
जाने क्यों उनका रुखसार नुमाया(३) नहीं जाता
हार कर क़दम मयखाने मोड़ लेते हैं
वहाँ भी गम-ओ-मय मिलाया नहीं जाता
हर रोज़ उनके लिखे कागज़ के कतरों में
चाह कर भी खुद को गुमाया नहीं जाता
हर लफ्ज़ उनका जीने की उम्मीद सा है
हज़ारों बार पढ़ लूं कुछ मेरा जाया नहीं जाता !!
(१) बांटने वाली (२) खानाबदोश (३) प्रतीत होना
इक पल उनके बिना बिताया नहीं जाता
उनकी यादें ही अब साँसों की कासिम(१) हैं
वर्ना रिश्ता-ए-ज़िंदगी निभाया नहीं जाता
उनकी गलियों में मफर(२) सी रिहाइश में हैं
हू-ब-हू उनसा कोई साया नहीं आता
रात होते चाँद में नज़र गड़ सी जाती है
जाने क्यों उनका रुखसार नुमाया(३) नहीं जाता
हार कर क़दम मयखाने मोड़ लेते हैं
वहाँ भी गम-ओ-मय मिलाया नहीं जाता
हर रोज़ उनके लिखे कागज़ के कतरों में
चाह कर भी खुद को गुमाया नहीं जाता
हर लफ्ज़ उनका जीने की उम्मीद सा है
हज़ारों बार पढ़ लूं कुछ मेरा जाया नहीं जाता !!
(१) बांटने वाली (२) खानाबदोश (३) प्रतीत होना
हर लफ्ज़ उनका जीने की उम्मीद सा है
जवाब देंहटाएंहज़ारों बार पढ़ लूं कुछ मेरा जाया नहीं जाता !!
Aapki rachnaayein bhi humein aisaa hi mehsoos karaati hain... hazaaron baar padh le kuchh meraa zayaa nahin jaata :-)
Main aapse is baabat poochhne waala tha ki itne deri kyun hai nayaa likhne me, aapne man ki awaaz sun li :-)
बहुत ही बढ़िया सुरेन्द्र जी जिस सादगी से आप अपनी बात कहते हैं वो बेजोड़ है...बधाई स्वीकारें
जवाब देंहटाएंनीरज
ना जाने क्यों वो मुझ से दूर हैं
जवाब देंहटाएंइक पल उनके बिना बिताया नहीं जाता
bahut umda post ..........
behad prabhavi prstuti & utne hi gehre sabd rachna
बहुत खूब ...देर से ही सही ...पर अच्छी नज़्म पढने को मिली
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन...बधाई!!
जवाब देंहटाएंहर लफ्ज़ उनका जीने की उम्मीद सा है
जवाब देंहटाएंहज़ारों बार पढ़ लूं कुछ मेरा जाया नहीं जाता !!
२ रचनाये पढ़ी आप के ब्लॉग पर ,दोनों ही बेहतरीन थी.....बधाई स्वीकारें....
wah surendra jee....... sach me behatreen:)
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया ग़ज़ल कह रहें हैं आप .हम देर से आये .और बहुत कुछ सुन भी न सके .
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अभिवयक्ति.....
जवाब देंहटाएंख़ूबसूरत शब्दों से सुसज्जित उम्दा ग़ज़ल के लिए बधाई!
जवाब देंहटाएंक्रिसमस की हार्दिक शुभकामनायें !
मेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
http://seawave-babli.blogspot.com/
मेरा इश्क सूफियाना ! वाह!
जवाब देंहटाएंबढ़िया ग़ज़ल .....
जवाब देंहटाएंbahut khub
जवाब देंहटाएंअंदाज़-ए-बयां को क्या कहें
जवाब देंहटाएंकिसी ने दिल निकालकर कागज़ पर रख दिया....
बेहतरीन...
Behtareen rachana hai!
जवाब देंहटाएंNaya saal bahut mubarak ho!
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत रचना लिखा है आपने ! आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्यों को नये साल की ढेर सारी शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंSir, I am very thankful to you for visiting my blog.
जवाब देंहटाएंaapki nai ghazal padhi maza aaya..khaas kar ye ashhaar dil ko baith se gaye...
हार कर क़दम मयखाने मोड़ लेते हैं
वहाँ भी गम-ओ-मय मिलाया नहीं जाता
हर लफ्ज़ उनका जीने की उम्मीद सा है
हज़ारों बार पढ़ लूं कुछ मेरा जाया नहीं जाता !!
HAPPY NEW YEAR...
har sher behad umda, daad sweekaaren.
जवाब देंहटाएंbahut badhiya...badhai
जवाब देंहटाएंइतनी सुन्दर ग़ज़ल के लिए तो
जवाब देंहटाएंदाद देने के लिए अल्फाज़ कम पड़ रहे हैं जी!
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प्यार का लब्ज़ जुबां पर कभी लाया नहीं जाता!
चीर कर अपना ज़िग़र हमसे दिखाया नहीं जाता!!
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10 दिनों तक नेट से दूर रहा इसलिए कहीं भी कमेंट देना सम्भव नहीं हुआ। अब नियमित हो रहा हूँ!
बहुत अच्छी रचनाएँ...
जवाब देंहटाएंUrdu par apki pakad jyada lagti hai.
जवाब देंहटाएंहू-ब-हू उनसा कोई साया नहीं आता
जवाब देंहटाएंsach mein bahut hee sundar rachna hai..har pankti jaise dil ko chu si gayi ho.....wonderful creation dedicated to ur beloved
टिप्पणी देकर प्रोत्साहित करने के लिए शुक्रिया!
जवाब देंहटाएंना जाने क्यों वो मुझ से दूर हैं
जवाब देंहटाएंइक पल उनके बिना बिताया नहीं जाता...
Bahut Khoob...
बहुत सुन्दरता से आपने ब्लॉग को सजाया है! बढ़िया लगा! आपके नये पोस्ट का इंतज़ार है!
जवाब देंहटाएंमेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है!
अनुपम भाव संयोजन के साथ बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन....
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।
ये गहरी कशिश है !
जवाब देंहटाएं