तेरे साथ कुछ पल गुज़ारने को मिलें,
खुशी से पज्मुर्दगी(१) छोड़ चला आऊंगा,
ग़मों की ग़ुरबत को अलविदा कह के,
तेरे मलाकूत(२) को रहने चला आऊंगा,
हर वक्त तेरी तिश्नगी(३) से थक चुका हूँ,
बस अब तुझे ख़्वाबों में बुला लाऊंगा,
कशकोल(४) लिए तेरे दर पे खड़ा हूँ,
क्या मोहब्बत की खैरात भला पाउँगा,
खुशनसीबी होगी गर तेरा एहसास मिले,
वरना तेरी यादों संग तुर्बत(५) चला जाऊंगा!
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(१)गमो का दरिया (२) हुकूमत (३) प्यास (४) भीख मांगने वाला कटोरा (५) कब्र
ग़मों की ग़ुरबत को अलविदा कह के,
जवाब देंहटाएंतेरे मलाकूत(२) को रहने चला आऊंगा,
वाह ...वाह.....!
बहुत ही ज़ज़्बातों मे डूबकर लिखा है आपने तो!
बेहतरीन!
ishq bhari dastaan lagi
जवाब देंहटाएंbahut achi lagi
kuchh yaadon ke afsane ban gaye
जवाब देंहटाएंunhi ke sang jeeta jaunga,
kya pata kahan le jaye zindagi kal
kuchh adhure sapnon ke sahare jeeta jaunga...
I wrote these lines inspired by your poem...and when some lines are so inspiring it means the power of poetry is at its peak. Your lines had the same impact.
बहुत उम्दा रचना...
जवाब देंहटाएंWAAH....LAJAWAAB....BAHUT HI UMDA....
जवाब देंहटाएंbahut umda.....mast likhi hai.
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