दीदार-ए-रुखसार से इस क़दर घायल हूँ,
मरहम के बदले शराब न ले बैठूं,
हलावत(१) के चर्चे यूं मशहूर हैं,
पढने के लिए किताब न ले बैठूं,
तेरी आराइश(२) ने कितनो को कब्रगाह भेजा,
बाकियों को बचाने नकाब न ले बैठूं,
हर उस जगह जहां तेरे सईद(३) क़दम पड़ें,
राहगीरों से मैं हिसाब न ले बैठूं,
तेरी महक की तरगीब(४) में खो के कहीं,
उम्मीद-ए-ताज में कांटो का गुलाब न ले बैठूं,
बस अब और देर न कर मुझे अपना बना ले,
मुफलिसी में कहीं मजनू का खिताब न ले बैठूं!
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(१) स्वीटनेस (२) चमकता रूप (३) मुबारक (४) आकर्षण
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बस अब और देर न कर मुझे अपना बना ले,
जवाब देंहटाएंमुफलिसी में कहीं मजनू का खिताब न ले बैठूं!
वाह..वाह...मुल्हिद जी!
आपने तो गजल में जमीनी हकीकत बयान कर दी।
मुबारकवाद!
Waah! Waah! Waah!
जवाब देंहटाएंbahut shundar shukriya
जवाब देंहटाएंहर उस जगह जहां तेरे सईद(३) क़दम पड़ें,
जवाब देंहटाएंराहगीरों से मैं हिसाब न ले बैठूं
बस अब और देर न कर मुझे अपना बना ले,
मुफलिसी में कहीं मजनू का खिताब न ले बैठूं!
वाह वाह क्या बात है श्गब्द नहीं हैं तारीफ के लिये। बधाई और शुभकामनायें
"हर उस जगह जहां तेरे सईद क़दम पड़ें,
जवाब देंहटाएंराहगीरों से मैं हिसाब न ले बैठूं..."
Indeed it was a journey down the memory lane. We often associate our memories to particular places and no matter how hard we try, we cannot detach ourselves completely.
A nice composition as always...enjoyed every word.
Bhaavpoorn sundar rachna...
जवाब देंहटाएंEk sujhaav hai,
maine ise padhte waqt jab baithun se pahle "na" ko lagakar padha to mujhe bada achchha laga...ekbaar dekhiyega...
वाह क्या बात है. सुन्दर गज़ल.
जवाब देंहटाएंमुफलिसी में कहीं मजनू का खिताब न ले बैठूं! wow wonderful.....aapki urdu bahut acchi hai
जवाब देंहटाएंhar baar aapki rachna pichhli wali se jyada achhi hoti hai... very fine words and very gd thought..
जवाब देंहटाएं-Sheena
an addition from my side once again:
जवाब देंहटाएंज़िंदगी यूं तो चलती रहेगी
इक नई दासतां लिखती रहेगी,
बस यही डर है जीने के लिए मैं
तेरी यादों से सांसें उधार न ले बैठूं ।
Keep writing and presenting such wonderful poems in future...good luck
हर उस जगह जहां तेरे सईद(३) क़दम पड़ें,
जवाब देंहटाएंराहगीरों से मैं हिसाब न ले बैठूं,awesome
हलावत(१) के चर्चे यूं मशहूर हैं,
जवाब देंहटाएंपढने के लिए किताब न ले बैठूं,
Awesome... kahan sey latey ho yeh hasin sey khwab :)