सोमवार, 27 सितंबर 2010

नाक क्यों अडती है!

प्रिय मित्रो,
सादर नमस्कार!
कल शाम सोनी चैनल पर ३ idiots आ रही थी, मैं भी देख रहा था, उसी वक़्त मेरे एक मित्र ने एक टिपण्णी की, "किस करने में नाक क्यों अडती है?"
ऐसे शायराना अंदाज़ में उन्होंने ये बात कही थी की मैंने सोचा क्यों न अपने हाथ अब हास्य में आजमायें!
उन्ही की एक पंक्ति को ले कर मैंने एक कोशिश की है, आशा है आप सभी को पसंद आएगी!

शीर्षक: नाक क्यों अडती है!

कल शाम मैंने ३ idiots देखी,
एक dialouge सुनने को मिला,
ये किस करने में अक्सर,
नाक हमारी क्यों अडती है,
मन में सोचा रुक जा बेटा,
एक बार किस हो जाने दे,
फिर खुद ही तू देख लीजो,
कैसी खुमारी चढ़ती है,
ये किस तो बेशरम,
चीज़ ही कुछ ऐसी है,
भोले भाले इंसान को ही,
मोह-पाश में जकड़ती है,
और जो शुरू शुरू में,
ख़ुशी ख़ुशी किस करती थी,
थोडा वक़्त गुज़र जाए,
तो हर बात पे अकड़ती है,
बस इक किस के चक्कर में,
कर्जों में हूँ डूबा सा,
बे-गैरत ख्वाहिशों की ये,
लिस्ट तो हर पल बढती है,
किस करने के लालच में,
दुल्हन भी उसे बनाना पड़ा,
क्या करते कसमें जो दी थी,
फिर वो तो निभानी पड़ती है,
शादी से पहले लगते थे,
जो हरे सब्ज़ के बाग़ से,
उन्ही बागों में लगता है,
जैसे हरी भिन्डियाँ सडती हैं,
बेटी न कहते थकती थी,
शादी से पहले छोरी को,
वो माँ-बेटी हर घंटे में,
बिल्ली चूहों सी लडती हैं,
थका मांदा जब ऑफिस से,
सोफे पे आ के गिरता हूँ,
पूरे दिन की वो भरी बैठी,
मुझ पे भारी पड़ती है,
आहें भर भर सोचूँ मैं,
काश वो नाक अड़ी रहती,
ज़रा देर भी हो जाए,
तो शर्ट सूंघने बढती है,
किस कर के भैया मारा गया,
न करता तो अच्छा होता,
उस ज़िल्लत से मैं बच जाता,
जो रोज़ झेलनी पड़ती है,
जो रोज़ झेलनी पड़ती है!

शुक्रवार, 24 सितंबर 2010

एक खूबसूरत एहसास-मोहब्बत!

अक्सर लोगों को कहते सुना,
मामूली किसी के लिए,
और किसी के लिए ख़ास है,
देता किसी को ग़म कभी,
खुशियाँ नुमायाँ(१) भी करे,
जन्नत से भी खूबसूरत ये,
मोहब्बत का एहसास है,
एहसास वो जो ज़ख़्मी दिल को,
मसाफ़त-ए-ख्वाब(२) ले जा कर,
महसूस ये करवा दे के,
वो अब भी तेरे पास है,
एहसास वो जो फासलों में भी,
करीबियत की आब-ए-हयात बनकर,
रूहानियत से यूं मिला दे के,
लगे खुदा भी आस पास है!
**********************************************
(१) प्रदर्शित (२) ख्वाबो की दुनिया में एक दिन का सफ़र
**********************************************