प्रिय मित्रो,
सादर नमस्कार!
कल शाम सोनी चैनल पर ३ idiots आ रही थी, मैं भी देख रहा था, उसी वक़्त मेरे एक मित्र ने एक टिपण्णी की, "किस करने में नाक क्यों अडती है?"
ऐसे शायराना अंदाज़ में उन्होंने ये बात कही थी की मैंने सोचा क्यों न अपने हाथ अब हास्य में आजमायें!
उन्ही की एक पंक्ति को ले कर मैंने एक कोशिश की है, आशा है आप सभी को पसंद आएगी!
शीर्षक: नाक क्यों अडती है!
कल शाम मैंने ३ idiots देखी,
एक dialouge सुनने को मिला,
ये किस करने में अक्सर,
नाक हमारी क्यों अडती है,
मन में सोचा रुक जा बेटा,
एक बार किस हो जाने दे,
फिर खुद ही तू देख लीजो,
कैसी खुमारी चढ़ती है,
ये किस तो बेशरम,
चीज़ ही कुछ ऐसी है,
भोले भाले इंसान को ही,
मोह-पाश में जकड़ती है,
और जो शुरू शुरू में,
ख़ुशी ख़ुशी किस करती थी,
थोडा वक़्त गुज़र जाए,
तो हर बात पे अकड़ती है,
बस इक किस के चक्कर में,
कर्जों में हूँ डूबा सा,
बे-गैरत ख्वाहिशों की ये,
लिस्ट तो हर पल बढती है,
किस करने के लालच में,
दुल्हन भी उसे बनाना पड़ा,
क्या करते कसमें जो दी थी,
फिर वो तो निभानी पड़ती है,
शादी से पहले लगते थे,
जो हरे सब्ज़ के बाग़ से,
उन्ही बागों में लगता है,
जैसे हरी भिन्डियाँ सडती हैं,
बेटी न कहते थकती थी,
शादी से पहले छोरी को,
वो माँ-बेटी हर घंटे में,
बिल्ली चूहों सी लडती हैं,
थका मांदा जब ऑफिस से,
सोफे पे आ के गिरता हूँ,
पूरे दिन की वो भरी बैठी,
मुझ पे भारी पड़ती है,
आहें भर भर सोचूँ मैं,
काश वो नाक अड़ी रहती,
ज़रा देर भी हो जाए,
तो शर्ट सूंघने बढती है,
किस कर के भैया मारा गया,
न करता तो अच्छा होता,
उस ज़िल्लत से मैं बच जाता,
जो रोज़ झेलनी पड़ती है,
जो रोज़ झेलनी पड़ती है!
अरे वाह...!
जवाब देंहटाएं"मुल्हिद" साहिब!
आपने तो बहुत ही बढ़िया
हास्य का जाहिरा किया है अपनी इस नज़्म मे!
हा हा हा हा...बहुत खूब !!!
जवाब देंहटाएंhi nice tukbandi
जवाब देंहटाएंbut why you ended up with marriage & such a sad end
i love to hear some romantic tickling going in the mind when you kiss or after that
good keep it up
awesome:) u really have a good flare of writing..weather emotional or witty!!
जवाब देंहटाएंgood work!
Sheena
हा हा!! अब तो अटक ही गये. :
जवाब देंहटाएंअबे तेरे की!
जवाब देंहटाएंइतने लफड़े! एक मासूम सी किस?
रहने दो छोडो, जाने दो यार..... हम ना करेंगे......
एक मिनट...................!
आपकी गलती से क्यूँ सीखें?
अपनी गलती से सीखेंगे!
सुरेंदर भाई,
हा हा हा!
स्वाद तो ले ही चुके हैं आप (बकौल कविता), इश्वर से प्रार्थना है के ये स्वादिष्ट पकवान आपको पच भी जाए!
मज़ा आया!
नाईस चेंज!
आशीष
Ha,ha,ha!
जवाब देंहटाएंहा हा हा अब मेरी नाक अड गयी है--- चढ गयी है क्या कमेन्ट दूँ? चलो छोडो इस नकचढी को अच्छी लगी रचना। बधाई।
जवाब देंहटाएंअच्छा प्रयास है...मजेदार..बधाई.
जवाब देंहटाएंवाह वाह ! क्या बात है! बहुत ही सुन्दर, शानदार और मज़ेदार लगा! बढ़िया प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा...बहुत खूब
जवाब देंहटाएंye bajm teri ek khumari ka nasha hai ye tere di ko pata hai ya mere dil ko
जवाब देंहटाएंHello SC,
जवाब देंहटाएंbo vadiya ji bo vadiya :)
Kya topic lia hai :) mast!! hahahaha!
Regards,
Dimple
surendar ji
जवाब देंहटाएंye hunar to pahli bar dikhaya apne
par mast hai
badhai se ka nahin chalega
badhiyan...........
surendr ji naak aaane pr bhut khub achcha lekhn achche vichar hen . mubark ho. akhtar khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंआप ने सभी किस करने वालों की दुखती राग पर हाथ रख दिया है...हा हा हा हा...दिलचस्प रचना
जवाब देंहटाएंनीरज
Kya baat hai veerji! Kya kalpana hai!
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंha ha ha ha amezing
जवाब देंहटाएंregards
Haya-vyang ke saath dard aur khushi ko badi shaleenta ke saath kavy mae parinit karne kahunar achha hai...bahut khoob...bhai kya bat hai.....wa bhai wa...
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