यूं तिनकों सी बिखरी हुई मेरी आराइश (१)
खूबसूरत रात की दास्ताँ कहती है
तेरे जाने के बाद भी पहरों तक
मेरे लबों पे इक जुम्बिश (२) रहती है
गेसुओं में तेरी उँगलियों की हरारत
हर ज़ुल्फ़ उनछुई सिहरन सहती है
लरजती पलकों पे तेरे लबों की आहट
किसी शरारत की कहानी कहती है
तेरे आगोश में आकर टूट जाने की
उस वक़्त बस यही कोशिश रहती है
कि डूब जाऊं तुझ में इस तरह से मैं
जैसे रेत दरिया के चश्मों संग बहती है
न जाने फिर कब आयेगा तू और
खूबसूरत सा वो मिलन होगा
कुछ तो छोड़ जाने की भी
दुनिया की रवायत (३) कहती है
चल कुछ और नहीं तो बस तू फिर
लबों पे गवाही छोड़ जाना
सुना है कि कुछ ख़ास गवाहियां
बन के निशानियाँ रहती हैं
शब्दार्थ : (१) साज-सज्जा (२) एह्साह (३) रस्म
खूबसूरत रात की दास्ताँ कहती है
तेरे जाने के बाद भी पहरों तक
मेरे लबों पे इक जुम्बिश (२) रहती है
गेसुओं में तेरी उँगलियों की हरारत
हर ज़ुल्फ़ उनछुई सिहरन सहती है
लरजती पलकों पे तेरे लबों की आहट
किसी शरारत की कहानी कहती है
तेरे आगोश में आकर टूट जाने की
उस वक़्त बस यही कोशिश रहती है
कि डूब जाऊं तुझ में इस तरह से मैं
जैसे रेत दरिया के चश्मों संग बहती है
न जाने फिर कब आयेगा तू और
खूबसूरत सा वो मिलन होगा
कुछ तो छोड़ जाने की भी
दुनिया की रवायत (३) कहती है
चल कुछ और नहीं तो बस तू फिर
लबों पे गवाही छोड़ जाना
सुना है कि कुछ ख़ास गवाहियां
बन के निशानियाँ रहती हैं
शब्दार्थ : (१) साज-सज्जा (२) एह्साह (३) रस्म
Beautiful as always. Aafreen!!
जवाब देंहटाएंलाजवाब बेहतरीन
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा!!
जवाब देंहटाएंदिल को छूती हुई संवेदनाओं से परिपूर्ण शानदार रचनाएँ …
जवाब देंहटाएंखुबसूरत अभिव्यक्ति
बहुत उम्दा, उल्फत का गहरा एहसास लिए रूहानी नज़म ...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ..
जवाब देंहटाएंबड़ी बहर की आपकी शानदार गजल बहुत दिनों बाद पढ़ने को मिली।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन
जवाब देंहटाएंवाह ....लाजबाब प्रेम की अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंwaah .....sundar tarika ...abhiwayakti ka ......
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ,उम्दा पोस्ट के लिए बधाई |
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