शुक्रवार, 18 सितंबर 2009

कुछ चुनिंदा पल!

तेरी यादों के समंदर से कुछ चुनिंदा पल चुराए हैं,
जिन्हें सिराहने रख कर कुछ मीठे ख्वाब पाये हैं,
ख्वाबो में डूबा जन्नत में इतनी दूर चला गया,
के फ़रिश्ते मुझे अब घर मेरे छोड़ने आए हैं,
जब भी तेरे एहसास को महसूस मैं करूँ,
लगे कि कलियाँ ख़ुद को जैसे फूल बनाये हैं,
मयकदे में साकी यूं झिंझोड़ के बस पूछे,
किस खुशनसीब की जानिब इतने जाम लगाये हैं,
इक नज़र उसको देख दिल चीर रख दिया,
ये देख ले तू किस को हम दिल में छुपाये हैं!

13 टिप्‍पणियां:

  1. इक नज़र उसको देख दिल चीर रख दिया,
    ये देख ले तू किस को हम दिल में छुपाये हैं!

    बहुत सुन्दर और सशक्त रचना है।
    बधाई!

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  2. ek behad khubsoorat ehasaaso se sajji kawita........khwaab jaise hi lagate hai .......padhate wakt khwab me pahunch gaya.......behad sundar abhiwyakti

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  3. अच्छा प्रयास है...लिखते रहिये...
    नीरज

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  4. bahut achi composition hai....
    ख्वाबो में डूबा जन्नत में इतनी दूर चला गया,
    के फ़रिश्ते मुझे अब घर मेरे छोड़ने आए हैं,
    quite good imagination....
    really like the way you expressed...

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  5. अत्यन्त सुंदर रचना लिखा है आपने जो दिल को छू गई! इस बेहतरीन और शानदार रचना के लिए बधाई!

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  6. Another of your wonderful creations as always. The poem comes as if direct from the heart and puts into words the heartfelt emotions.

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  7. तेरी यादों के समंदर से कुछ चुनिंदा पल चुराए हैं,
    जिन्हें सिराहने रख कर कुछ मीठे ख्वाब पाये हैं,
    बहुत बहुत मुबारक कि अब मीठे ख्वाब देखने लगए हो और पिछली कुछ गमगीन सी नज़मों से बाहर आये हो बहुत बडिया लिखते रहो शुभकामनायें

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  8. Ek hansatee muskuraatee rachna...jeevan me kalee muskatee rahe, yahee tamanna hai!

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  9. ख्वाबो में डूबा जन्नत में इतनी दूर चला गया,
    के फ़रिश्ते मुझे अब घर मेरे छोड़ने आए हैं।
    बहोत खूब।

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  10. बेहद खूबसूरत रचना है।
    नवरात्रों की शुभकामनाएँ!
    ईद मुबारक!!

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  11. बहुत शानदार दिल छूने लेने वाली रचना
    मुश्किल था टिप्पणी देने से यार बचना

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