कोमल सी पलकें दुनिया में खुली,
सब से पहले मुझे तू दीखी माँ,
बाकी सब लफ्ज़ तो बाद में फूटे,
"माँ" पहली आयत मैंने सीखी माँ,
जब भी कभी रातों में डर से सिमटा,
तूने आँचल में मुझको समाया था माँ,
कागज़ पे आढी टेढ़ी लकीरों को देख,
मुझे अच्छे से लिखना सिखाया था माँ,
जब भी कोई गलती मैंने थी की,
सबके सामने ही तूने डांटा था माँ,
फिर मेरी पहली कामयाबी को भी,
उन्ही सब के साथ तूने बांटा था माँ,
आज तक जो तूने किया मेरे खातिर,
उसका सबाब क्या बताने से होगा,
कुछ और गर तेरे सजदे में कहूं,
तो सूरज को दिया दिखाना सा होगा,
हमेशा तेरा हाथ मेरे सर पे रहे,
तेरे प्यार की कभी छाँव कभी धूप है,
उसको देखने की अब तमन्ना नहीं है,
बस तू ही मेरे लिए खुदा का रूप है!
matri prem ko samarpit khoobsoorat rachna.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण रचना लिखा है आपने! मात्री दिवस पर बेहतरीन प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंमेरा जीवन मेरी साँसे,
जवाब देंहटाएंये तेरा एक उपकार है माँ!
तेरे अरमानों की पलकों में,
मेरा हर सपना साकार है माँ!
तेरी छाया मेरा सरमाया,
तेरे बिन ये जग अस्वीकार है माँ!
मैं छू लूं बुलंदी को चाहे,
तू ही तो मेरा आधार है माँ!
तेरा बिम्ब है मेरी सीरत में,
तूने ही दिए विचार हैं माँ!
तू ही है भगवान मेरा,
तुझसे ही ये संसार है माँ!
सूरज को दिखाता दीपक हूँ,
फिर भी तेरा आभार है माँ!
सुन्दर रचना!
जवाब देंहटाएंममतामयी माँ को शत्-शत् नमन!
कोटि-कोटि प्रणाम!
good one! Happy Mother's day
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आने का बहुत-बहुत शुक्रिया ... सुंदर एवं भावपूर्ण कविता
जवाब देंहटाएंतेरे प्यार की कभी छाँव कभी धूप है,
जवाब देंहटाएंउसको देखने की अब तमन्ना नहीं है,
बस तू ही मेरे लिए खुदा का रूप है!
बहुत खूब !!!
कभी अजनबी सी, कभी जानी पहचानी सी, जिंदगी रोज मिलती है क़तरा-क़तरा…
http://qatraqatra.yatishjain.com/
bahut hi emotional composition hai...
जवाब देंहटाएंwaise to yeh baat bilkul sahi hai-
कुछ और गर तेरे सजदे में कहूं,
तो सूरज को दिया दिखाना सा होगा,
lekin kuch panktiyon main kafi kuch kaha hai aapne..
bahut achi lagi aapki composition.
V. gud Surender I think it is your one of the best Poem I would say...I have also some lines to share with you on Mothers Day-
जवाब देंहटाएं"Nari tu keval sharddha ha,Vishwas rajat nag pag tal me.....piush shrot si baha karo jeewan k sunder samtal me......!"
aji surendar bhai
जवाब देंहटाएंkamal kar diya
apse esi hi rachna ki ummid thi
maa ko itne achhe se likha ...........
wah.......wah..........
badhaiyan.................
A lot of form of love are here but Mumma's love is the only...we cant feel it always bt when world make us alone we again started to search the lap of MOM.
जवाब देंहटाएंआज ही पढ़ी......माँ पर लिखी ये रचना सच में भावुक कर गयी....
जवाब देंहटाएंregards
आज ही पढ़ी......माँ पर लिखी ये रचना सच में भावुक कर गयी....
जवाब देंहटाएंregards
maa par likhi ek achhi rachna
जवाब देंहटाएंthank u so much and your poem 'maan.....
जवाब देंहटाएंis too one of your best.
Thanks a lot for your encouraging comment.
जवाब देंहटाएंAwaiting for your new poem.