उन्होंने चेहरे पे जुल्फें यूं बिखरायीं
जैसे सावन की गर्त काली रात हुई हो
नूर-ए-चश्म झांकता सा गेसुओं के चिलमन से
जैसे सुर्ख बादलों से उसकी बात हुई हो
इक पल को ही जो उनके दीदार हो जाएँ
लगे ज़िन्दगी की मुकम्मल सौगात हुई हो
जो झटक दें जुल्फों से पानी के कुछ कतरे
यूं लगे रिमझिम मुहब्बत की बरसात हुई हो
नज़र उठा के देख लें जो वो झरोखों से
क़दमों में जैसे झुकी झुकी कायनात हुई हो
उनके रुखसार की रौशनी से ही उजाला है
जो ढक ले कभी तो दिन में मानो रात हुई हो
खुदा ने भी शायद उन्हें शिद्दत से तराशा है
मानो सबसे काबिल शिल्पी से उसकी बात हुई हो
जैसे सावन की गर्त काली रात हुई हो
नूर-ए-चश्म झांकता सा गेसुओं के चिलमन से
जैसे सुर्ख बादलों से उसकी बात हुई हो
इक पल को ही जो उनके दीदार हो जाएँ
लगे ज़िन्दगी की मुकम्मल सौगात हुई हो
जो झटक दें जुल्फों से पानी के कुछ कतरे
यूं लगे रिमझिम मुहब्बत की बरसात हुई हो
नज़र उठा के देख लें जो वो झरोखों से
क़दमों में जैसे झुकी झुकी कायनात हुई हो
उनके रुखसार की रौशनी से ही उजाला है
जो ढक ले कभी तो दिन में मानो रात हुई हो
खुदा ने भी शायद उन्हें शिद्दत से तराशा है
मानो सबसे काबिल शिल्पी से उसकी बात हुई हो
बहुत सुन्दर ग़ज़ल है सुरेन्द्र जी. बधाई.
जवाब देंहटाएंFIVE STAR
जवाब देंहटाएंमखमली गज़ल के लिए शुक्रिया । अंदाज-ए-बयां बेहद खूबसूरत है
जवाब देंहटाएंamazingly written...so beautiful to remember..warm congrats for your this creation.
जवाब देंहटाएंsurendar bhai
जवाब देंहटाएंbahut khub
badhai.....
जिस शिद्दत से खुदा ने उन्हें तराशा है, शायद आपने उसी शिद्दत से इस ग़ज़ल को तराशा है. बेहद खूबसूरत.. आफरीन
जवाब देंहटाएंखुदा ने भी शायद उन्हें शिद्दत से तराशा है
जवाब देंहटाएंमानो सबसे काबिल शिल्पी से उसकी बात हुई हो
वाह क्या बात कही है……………शानदार गज़ल्।
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंइक पल को ही जो उनके दीदार हो जाएँ
जवाब देंहटाएंलगे ज़िन्दगी की मुकम्मल सौगात हुई हो
--
ग़ज़ल के सभी अशआर बहुत खूबसूरत लिखे हैं आपने!
i want to sing this...such a beautiful creation !!
जवाब देंहटाएंलाजवाब ग़ज़ल.....
जवाब देंहटाएंSir ji,
जवाब देंहटाएंKaise hain ?
Bahut hi badiya :) Rang roop badal gaya blog ka... chalo achhi baat hai - main waise hi kaafi time baad aayi :)
Nice to read ur composition :)
Regards,
Dimple
bahut pyari si gajal....!!
जवाब देंहटाएंनज़र उठा के देख लें जो वो झरोखों से
जवाब देंहटाएंक़दमों में जैसे झुकी झुकी कायनात हुई हो
sunder gajal umda prastuti
bahut rumaani rachna, badhai.
जवाब देंहटाएंखुदा ने भी शायद उन्हें शिद्दत से तराशा है
जवाब देंहटाएंमानो सबसे काबिल शिल्पी से उसकी बात हुई हो
ji sahi kaha unse bada shilpkar koi nahi hai
sunder gazal ke liye badhai
rachana
सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लाजवाब ग़ज़ल लिखा है आपने ! शानदार प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
http://seawave-babli.blogspot.com
wah achha likha hai....keep it up.
जवाब देंहटाएंरूहानियत और अभिव्यक्ति का मिला जुला ...समावेश ...बहुत खूब
जवाब देंहटाएंBehtarin rachna.
जवाब देंहटाएंRomantastic!
जवाब देंहटाएंAshish
नज़र उठा के देख लें जो वो झरोखों से
जवाब देंहटाएंक़दमों में जैसे झुकी झुकी कायनात हुई हो
Wah...wah...wah! Kya baat hai! Gazab kee rachana!
कोई कसर नहीं छोड़ी ... बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंA silky creation Surendra Ji..
जवाब देंहटाएंRegards..
खुदा ने भी शायद उन्हें शिद्दत से तराशा है
जवाब देंहटाएंमानो सबसे काबिल शिल्पी से उसकी बात हुई हो
..sundar alfaz...
बहुत खूब हमेशा की तरह दिल से निकले हुये शब्द व भाव। सुरिन्दर जी कैसे हैं आप आपकी मेल मिली थी लेकिन जल्दी जवाब इस लिये नही दे पाई कि उसे देखा ही कई दिन बाद आजकल रोज़ नेट पर नही आ पाती स्वस्थ होते ही हाज़िर होती हूँ धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
क्या बात है! कोई भी रस्क कर सकता है ऐसी खूबसूरती को पाने वाले से !
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति....दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएं-:SHUBH DEEPAWALI BHAIYA:-
जवाब देंहटाएंमानो सबसे काबिल शिल्पी से उसकी बात हुई हो..
जवाब देंहटाएंये शिल्पी to आप ही लगते हैं .....:))
bAHOOT kHOOB
जवाब देंहटाएंआपकी उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंक पल को ही जो उनके दीदार हो जाएँ
जवाब देंहटाएंलगे ज़िन्दगी की मुकम्मल सौगात हुई हो
जो झटक दें जुल्फों से पानी के कुछ कतरे
यूं लगे रिमझिम मुहब्बत की बरसात हुई हो
umda prastuti...
नज़र उठा के देख लें जो वो झरोखों से
जवाब देंहटाएंक़दमों में जैसे झुकी झुकी कायनात हुई हो....
ankhon mein nami hi reh gayi...aisa laga jaise ki
kuch yun apki gazhal mein kisi se mulaqat hui ho:)
"खुदा ने भी शायद उन्हें शिद्दत से तराशा है
जवाब देंहटाएंमानो सबसे काबिल शिल्पी से उसकी बात हुई हो"
वाह.. ख्यालों की शकल मैं आरज़ू को बेहद उम्दा अल्फाज़ दिए हैं.. आभार.
बेहतरीन प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपके पोस्ट पर आकर अच्छा लगा । मेरे नए पोस्ट शिवपूजन सहाय पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद
जवाब देंहटाएंटिप्पणी देकर प्रोत्साहित करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंखूबसूरत प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूब |
जवाब देंहटाएंआप नियमित रूप से मेरे हर पोस्ट पर आकर टिप्पणी देकर प्रोत्साहित करने के लिए शुक्रिया!
जवाब देंहटाएंखुदा ने भी शायद उन्हें शिद्दत से तराशा है
जवाब देंहटाएंमानो सबसे काबिल शिल्पी से उसकी बात हुई हो
Behadd sunder shabd...
bahut khoob!
जवाब देंहटाएंखुदा ने भी शायद उन्हें शिद्दत से तराशा है
जवाब देंहटाएंमानो सबसे काबिल शिल्पी से उसकी बात हुई हो ....
wah aisa lagta hai ki ye mera apna sher hai..bahut khoob.
wah..bahut sundar
जवाब देंहटाएंwelcome to my blog :)
लम्बे समय से अपने कुछ लिखा नहीं :) ये क्या बात हुयी !
जवाब देंहटाएंबहुत ही रोमांटिक रचना है पड़ कर मन खुश हो गया मेरे ब्लॉग पर आने के लिए बहुत -बहुत धन्यवाद साथ ही क्षमा चाहूंगी समय कि कमी के कारण आप के ब्लॉग पर नहीं आ पाती हूँ
जवाब देंहटाएंआपका पोस्ट अच्छा लगा । मेरे नए पोस्ट "खुशवंत सिंह" पर आपकी प्रतिक्रियायों की आतुरता से प्रतीक्षा रहेगी । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंwaahhh bohot khoob
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद आपकी उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए!
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत ही उम्दा शब्द इस्तेमाल किये है आप ने,खूब लिखते है आप,आप की रचना की तारीफ में मैं कुछ दिन पहले लिखी पंक्तियाँ रखती हूँ.... चाँद से नूर थोडा, खुदा ने उठाया होगा
जवाब देंहटाएंजब तुम्हारे जिस्म की रंगत को बनाया होगा
टिमटिमाते दो तारे रख दिए आँखों में तुम्हारी
और काली घटाओं से, बालों को बनाया होगा
होठ ऐसे के, लगे नाजुक पंखुड़ी कमल की हो
कमल की पखुडिया वो कैसे तराश पाया होगा !!पहली बार ब्लॉग पर आना हुआ,सुंदर है आप का ब्लॉग...
क्या बात है हर अश आर ला ज़वाब है .
जवाब देंहटाएंजो झटक दें जुल्फों से पानी के कुछ कतरे
जवाब देंहटाएंयूं लगे रिमझिम मुहब्बत की बरसात हुई हो
Waah Waah Kya baat hai...
बहुत खूबसूरत............
जवाब देंहटाएंलाजवाब!!!
अनु