रविवार, 24 जनवरी 2010

नज़्म-नुमा मौत!


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11 टिप्‍पणियां:

  1. क्या गजब का चित्र है,वाह! जिस फोटोग्राफर ने इसे खींचा उसकी जितनी भी तारीफ़ की जाय कम है....उस पर आपके नज्म की अंतिम पंक्ति ..
    ..के मौत भी फिर नज्म-नुमा पाऊं मैं.
    ..अजब में गजब है.

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  2. लाजवाब क्या खूब लिखते हो शुभकामनायें

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  3. वाह..... वाह...............
    सुरेंदर जी
    मस्त रचना चित्र भी चुनिन्दा
    बहुत बहुत बधाई ..............

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  4. Hello,

    Kaabil-e-taareef se upar ho jaati hain kayi rachnaayein...
    Aur aisi rachna ko likhe ke baad dil ko apaar khushi mil jaati hai... aapko bhi zarur mili hogi yeh likhne ke baad!

    Kya isske alawa aur kuch bhi kehna hoga?
    :-)

    Regards,
    Dimple
    http://poemshub.blogspot.com

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  5. बहुत सुन्दर रचना ! आपको और आपके परिवार को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!

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  6. Brilliant! Every word of yours was full of loads of emotions...I couldn't stop myself from writing:
    "zindagi ki har ghadi teri yaadon mein bitaoon main,
    jab maut aaye to khud ko tere kadmon mein paoon main."
    Thanks for such an inspiring post.

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