अब कोई और काम नहीं रह गया,
हर पल तेरे ख्यालों में रहते हैं,
खमदार(१) गेसुओं में खोये हुए,
दिल की उलझने सुलझाते रहते हैं,
ना जाने की इबरत(२) गजरे ने दी थी,
बोले जुल्फों में बादल घने रहते हैं,
मैंने भी फिर चुपके से पूछा ये उसको,
क्या घटायें और पानी संग नहीं रहते हैं,
सन्न सा हुआ मेरे इस नजीर(३) पे,
बोला ये जुमले कहाँ से बहते है,
मोहब्बत ने शायर बना डाला मुझको,
जो लरजता है दिल में वही कहते हैं!
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(१) घुंघराले (२) चेतावनी (३) उदाहरण
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अब कोई और काम नहीं रह गया,
जवाब देंहटाएंहर पल तेरे ख्यालों में रहते हैं,
खमदार(१) गेसुओं में खोये हुए,
दिल की उलझने सुलझाते रहते हैं,
Pasand na aaye? Majal hai jo aisi rachana pasand na kare?
yaar kasam se khatarnaak likhte ho aap
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गजल है!
जवाब देंहटाएंयह गजल के सभी मानकों पर खरी उतरती है!
मोहब्बत ने शायर बना डाला मुझको,
जवाब देंहटाएंजो लरजता है दिल में वही कहते हैं!....
wah kya baat hai...ek bahut hee umdaa asha_aar liye umdaa rachana..AABHAR!!
सुरेन्द्र जी, बहुत अच्छा..........
जवाब देंहटाएंआप को मेरी रचनाओं का इन्तजार रहता है, जानकर बहुत खुशी हुई।इधर कुछ समय ब्लागिंग से दूर रहा, पर अब ये सफर जारी रहेगा।आप की रचना के लिये बहुत बहुत बधाई.....
तैनूँ पै गईयॉं ने गुँजलॉं बतेरियॉं।
जवाब देंहटाएंपेचोख़म से निकलो तो, कभी लाम देखना ये भी,
सुना है ज़ुल्फ़ में कृष्णा की ये ही रहता है।
sahi kaha muhabbaat na jane kya se kya bana deti hai
जवाब देंहटाएंवाह!
जवाब देंहटाएंमैंने भी फिर चुपके से पूछा ये उसको,
जवाब देंहटाएंक्या घटायें और पानी संग नहीं रहते हैं!?
मान ना पड़ेगा! सुरेंदर भाई, आनंद ही आनंद!
www.myexperimentswithloveandlife.blogspot.com
ना जाने की इबरत(२) गजरे ने दी थी,
जवाब देंहटाएंबोले जुल्फों में बादल घने रहते हैं,
achi panktiyan hain...
truly romantic!!!
मोहब्बत ने शायर बना डाला मुझको,
जो लरजता है दिल में वही कहते हैं!
lines bilkul fit beth rahi hain aap per ;-)
Nice Composition!!!!
आह को चाहिए एक उम्र असर होने तक
जवाब देंहटाएंकौन जीता है तेरी जुल्फ के सर होने तक
वाह सुरिंदर जी वाह...आनंद आ गया...
नीरज
सन्न सा हुआ मेरे इस नजीर पे,
जवाब देंहटाएंबोला ये जुमले कहाँ से बहते है,
मोहब्बत ने शायर बना डाला मुझको,
जो लरजता है दिल में वही कहते हैं!
sabne bahut tareef ki....aane mein der hui...lekin khata hamse hui nahi ye hamko pata hai :-)
suredar bhai
जवाब देंहटाएंwah wah
बोले जुल्फों में बादल घने रहते हैं,
मैंने भी फिर चुपके से पूछा ये उसको,
kya bat hai dost...........
abhar...............
मोहब्बत ने शायर बना डाला मुझको,
जवाब देंहटाएंजो लरजता है दिल में वही कहते हैं!....
waah....kya kah dala....bahut acche surinder sahab !
मोहब्बत ने शायर बना डाला मुझको,
जवाब देंहटाएंजो लरजता है दिल में वही कहते हैं!
वाह तो आजकल शायर बन गये हो बहुत खूब तभी तो इतना अच्छा लिखने लगे हो ये मोहब्बत भी आदमी को क्या से क्या बना देती है। बधाई
मैंने भी फिर चुपके से पूछा ये उसको,
जवाब देंहटाएंक्या घटायें और पानी संग नहीं रहते हैं,
sir likhte rahiye aap ke jumle ghta aur pani saath la denge
mohabbat hi mohabbat h aapke geeton me
वाह क्या बात है! बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल लिखा है आपने! बधाई!
जवाब देंहटाएंHello,
जवाब देंहटाएंBahut hi umdaaaah... :)
Romantic poetry likhna toh aapke baayen haath ka khel hai ;-)
--- Aapke iss likhne ke art ke liye 2 lines meri taraf se...
"Tareef mein teri kuch kahu kaise
Alfaazo ki kummi ho gayi ho jaise"
Aap bahut tarrakki karein :)
Regards,
Dimple
http://poemshub.blogspot.com
आप जो कहते है
जवाब देंहटाएंबहुत खूब कहते है
http://oldandlost.blogspot.com/
मोहब्बत ने शायर बना डाला मुझको,
जवाब देंहटाएंजो लरजता है दिल में वही कहते हैं!
" वाह! बेहद खुबसूरत "
regards