इक दरख्वास्त तुझ से की है,
नज़र-ए-जाम पिलाने के लिए,
कतरा-ए-आब(१) ही काफी है सादिक,
मुझे होश में लाने के लिए,
अबरू(२) ये तीखी कम नहीं,
हूरे-सल्तनत हिलाने के लिए,
इन्ही से घायल कर मुझको,
वक़्त नहीं तलवार चलाने के लिए,
देर हुई तो कहीं दम न तोड़ दूं,
हकीम मिलता नहीं ज़ख्म सिलाने के लिए,
जो कहीं नागहाँ(३) दूर चला भी जाऊं,
साँसों से छू लेना मुझे जिलाने के लिए,
हर कीमत देने काबिल हूँ मैं,
तुझे न कभी भुलाने के लिए,
चल अब आँखें मूँद लेता हूँ,
सोना तो पड़ेगा तुझे ख़्वाबों में लाने के लिए!
**********************************************
(1) पानी का एक कतरा (२) भोहें (३) दुर्घटनावश **********************************************
नज़र-ए-जाम पिलाने के लिए,
कतरा-ए-आब(१) ही काफी है सादिक,
मुझे होश में लाने के लिए,
अबरू(२) ये तीखी कम नहीं,
हूरे-सल्तनत हिलाने के लिए,
इन्ही से घायल कर मुझको,
वक़्त नहीं तलवार चलाने के लिए,
देर हुई तो कहीं दम न तोड़ दूं,
हकीम मिलता नहीं ज़ख्म सिलाने के लिए,
जो कहीं नागहाँ(३) दूर चला भी जाऊं,
साँसों से छू लेना मुझे जिलाने के लिए,
हर कीमत देने काबिल हूँ मैं,
तुझे न कभी भुलाने के लिए,
चल अब आँखें मूँद लेता हूँ,
सोना तो पड़ेगा तुझे ख़्वाबों में लाने के लिए!
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(1) पानी का एक कतरा (२) भोहें (३) दुर्घटनावश **********************************************
चल अब आँखें मूँद लेता हूँ,
जवाब देंहटाएंसोना तो पड़ेगा तुझे ख़्वाबों में लाने के लिए!
इन मखमली शेरों को पेश करने के लिए मुबारकवाद!
आमीन, खुदा करे ये खाब रोज़ आये.
जवाब देंहटाएंदुआ करो सब ये खाब हकीकत बन जाए
Chal ab aankh moond leta hoon,
जवाब देंहटाएंSona to padega tujhe khwab mein laane ke liye!
Wah!
nice
जवाब देंहटाएंWah janab! Wah,
जवाब देंहटाएंreally amezing.
Waah Waah...lajawab
जवाब देंहटाएंNeeraj
चल अब आँखें मूँद लेता हूँ,
जवाब देंहटाएंसोना तो पड़ेगा तुझे ख़्वाबों में लाने के लिए!
bhai Waah! maza aa gaya
kya kaho...... bas lajavab hai ... bahut khoob ,
जवाब देंहटाएंHello,
जवाब देंहटाएंKabil-e-tareef ke liye kaun saa lafz ijaad karu yeh mujhe samajh nahi aata...
Teri kalaa ko sarhaane ke liye kya bayaan karu yeh mujhe samajh nahi aata!!!
Bus itna kahungi... roz ek suhaana khwaad dekho aap aur roz kavita ke roop mein hum padd le usko...
Regards,
Dimple
http://poemshub.blogspot.com
वाह...बहुत सुन्दर....लाजवाब ग़ज़ल...
जवाब देंहटाएंवाह अद्भुत सुन्दर रचना! लाजवाब! इस बेहतरीन रचना के लिए बधाई!
जवाब देंहटाएंHarek pankti chhanti chhatayi hai...kya baat hai!
जवाब देंहटाएंsurendar bhai jio
जवाब देंहटाएंkya likhaha yar
चल अब आँखें मूँद लेता हूँ,
सोना तो पड़ेगा तुझे ख़्वाबों में लाने के लिए!
mubarkan
चल अब आँखें मूँद लेता हूँ,
जवाब देंहटाएंसोना तो पड़ेगा तुझे ख़्वाबों में लाने के लिए!
jane kya kya karna padega tujhe apna banane ke liye
-Shruti
अबरू ये तीखी कम नहीं,
जवाब देंहटाएंहूरे-सल्तनत हिलाने के लिए,
इन्ही से घायल कर मुझको,
वक़्त नहीं तलवार चलाने के लिए.
umda.
bas yeah bata de... ke ek sardar ney itni aachi urdu kahan se seekhe :)
जवाब देंहटाएंइक दरख्वास्त तुझ से की है,
जवाब देंहटाएंनज़र-ए-जाम पिलाने के लिए,
कतरा-ए-आब(१) ही काफी है सादिक,
मुझे होश में लाने के लिए,
बहुत खूब ....!!
अबरू(२) ये तीखी कम नहीं,
हूरे-सल्तनत हिलाने के लिए,
इन्ही से घायल कर मुझको,
वक़्त नहीं तलवार चलाने के लिए...
लाजवाब....वाह....!!
जो कहीं नागहाँ(३) दूर चला भी जाऊं,
साँसों से छू लेना मुझे जिलाने के लिए
एक एक पंक्ति सीधे उतरती है .....!!
चल अब आँखें मूँद लेता हूँ,
सोना तो पड़ेगा तुझे ख़्वाबों में लाने के लिए!
ओये होए .....!!
दिल से लिखी नज़्म ....!!
हर कीमत देने काबिल हूँ मैं,
जवाब देंहटाएंतुझे न कभी भुलाने के लिए,
इन पंक्तियों ने दिल छु लिया बेहद पसंद आई..."
regards
Aaj fursat me phir ekbaar rachana padhane chali aayi...Urdu language is your strong hold...uske alawa hamesha mauzoom abhiwyakti...aur kuchh kahneki qabiliyat nahi hai, yahi sach hai..
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी की गई है-
जवाब देंहटाएंhttp://charchamanch.blogspot.com/2010/04/blog-post_6838.html