सोमवार, 29 जून 2009

नज़र आता है!!

सुबह की पहली किरण के साथ तेरा चेहरा नज़र आता है....
आईने में जब भी ख़ुद को देखूं तेरा साया गहरा नज़र आता है.....
घर के बगीचे में तुझे फूल समझ के जब भी छूना चाहू......
कमबख्त तेरे आस पास भवरों का पहरा नज़र आता है.....
कभी चुपके से आँखें बंद कर तेरे बारे में जब सोचूँ.......
मैकदे में नशेमन मेरा बस लहरा नज़र आता है....
तेरी झील जैसी आँखों में जब उतरने को जी चाहे......
कुछ ओस की बूंदों का छरहरा नज़र आता है......
उस वक्त का इंतज़ार है जब तू मेरे घर आए......
मेरी माँ के हाथों में मुझे बस सेहरा नज़र आता है.....

2 टिप्‍पणियां:

  1. Aap kripa kar ke lyricist bann jaaye aur apna talent waste naa karey ;-)

    Regards...

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  2. यही तो है प्यार की खूबसूरती
    जाने इस में क्या क्या नज़र आता है
    आँखें वो नही दे पाती जो सामने है
    बाकि सब कुछ इन्हे नज़र आता है

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