जिसे कभी ख्वाबो में तराशा था......दिल की गहराईयों में तलाशा था.....
हाँ वोह तुम ही हो......
दोस्तों से बातें किया करती थी.....जिसके बारे में सोच के लम्बी रातें किया करती थी....
हाँ वोह तुम ही हो.........
छुप छुप के जिस से मिलती थी.....तन्हाई में तारे गिनती थी....
हाँ वोह तुम ही हो.......
घरवालो से जिसे मिलाने से डरती थी.....इसी बात को सोच कर तिल तिल मैं हर पल मरती थी......
हाँ वोह तुम ही हो.......
फ़िर एक दिन बड़ी मुश्किल से हिम्मत जुटा पायी.....बाबा को जिसके बारे में बता पाई.....
हाँ वोह तुम ही हो......
फिर वोह दिन भी आया जब तुम बरात ले आए....मेरे जीवन में खुशियों की सौगात ले आए....
हाँ वोह तुम ही हो........
अब जिसकी बाहों में हर वक्त मुझे रहना है.....मिल के जिसके साथ दुनिया का हर सुख दुःख सहना है......
हाँ वोह तुम ही हो.......
ये दुआ करती हूँ खुदा से जो हमेशा सलामत रहे.....जिसकी लम्बी उम्र मेरी ज़िन्दगी की सबसे बड़ी नेयामत रहे....
हाँ वोह तुम ही हो.......
तुम कभी मुझे तड़पता छोड़ नही जाना......कभी दिल को मेरे यूं तोड़ नही जाना........
जिसकी मोहब्बत मेरे दिल में पलती है.....जिसको साँसों से मेरी साँसे चलती हैं.....
हाँ वोह तुम ही हो.......हाँ वोह तुम ही हो.......
ये दुआ करती हूँ खुदा से जो हमेशा सलामत रहे.....जिसकी लम्बी उम्र मेरी ज़िन्दगी की सबसे बड़ी नेयामत रहे....
जवाब देंहटाएंbahut hi badiya...
:)
Hello Maalik,
जवाब देंहटाएंGreat work done :-)
Regards...
or koi ho hee nahin sakta.narayan narayan
जवाब देंहटाएंhaan vo tum ho tum ho tum ho.............. kyaa andaaz है janaab............. swaagat है aapka
जवाब देंहटाएंthanks Mr. Naswa.
जवाब देंहटाएंहिंदी भाषा को इन्टरनेट जगत मे लोकप्रिय करने के लिए आपका साधुवाद |
जवाब देंहटाएंthis is really great and really liked this...keep up the good word
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