शुक्रवार, 26 जून 2009

tasveer-e-yaar

दिल के आईने में तस्वीर-ऐ-यार है....
फिर भी आज तक हमें बस इंतज़ार है......
लाख कहे ज़माना हमें दीवाना चाहे.....
यह दिल तेरी राहों का इक खाकसार है....
दीवानों को यह दुनिया करती रही है रुसवा.....
दुनिया के इन दिलों में शैतान सवार है......
तेरी राह से तो अब बस कजा दूर करेगी.....
क्योकि वोह अब हमारइ इक कर्ज़दार है.....

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