रविवार, 2 अगस्त 2009

फ्रेंडशिप डे पर कुछ ख़ास!

आज है दोस्ती दिवस सोचा के कुछ दोस्त बना लें,
जो रूठे हैं काफ़ी दिनों से आओ चलो उन्हें मना लें,
येही सोच के आज सुबह उन्हें इक संदेश भेजा,
दिन में रात न हो जाए गर वो उस पे नज़र भी डालें,
न जाने क्या खता हुई जो वो इस कदर खफा हैं,
गनीमत है जो सामने से निकले और नज़र मिला लें,
गर गुनाह हुआ है हमसे तो कम से कम बताएं ज़रा,
ऐसे कैसे हम अपने आप को गुनेहगार बना लें,
सोचा था की चलो आज उन्हें मना ही लेंगे हम,
दिन ढलते ही ये आलम है बस ये कड़वी यादें भुला लें,
उम्मीद में की अगले दोस्ती दिवस पे कुछ वक्त संग बिताएं,
आओ खुदा से उनकी सलामती की दुआ मना लें!

9 टिप्‍पणियां:

  1. दोस्ती का जज़्बा सलामत रहे।
    मित्रता दिवस पर शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  2. ishwar kare aapko aapka rutha hua dost phir mil jaye,magar dost ka naam to batao ??

    जवाब देंहटाएं
  3. I wish your friend will returned to you after reading this.....
    Even to have a friend like you is itself a privilege …..
    Keep the sprit high…..
    Friendship will always rock :-)

    जवाब देंहटाएं
  4. क्यों ना हर दिन दोस्ती के नाम हो ? क्यों न हर दिन अपने हर प्रिय के नाम हो ?
    आपकी रचनाएँ तो बेहतरीन हैं ..लेकिन ,हमेशा जब ,'मात्रु दिन ', पितृ दिन ' सुनती हूँ ,तो लगता है ,हम कहाँ जा रहे हैं ?

    'बिखरे सितारे' पे टिप्पणी के लिए, तहे दिलसे शुक्रिया..!

    जवाब देंहटाएं
  5. Happy Friendship Day!बहुत ख़ूबसूरत रचना!

    जवाब देंहटाएं