शुक्रवार, 17 जुलाई 2009

इक बेटी के दिल से.......

बस कुछ वक्त और है माँ फिर मैं इस दुनिया में आउंगी.....
तेरा और बापू का अंगना खुशियों से भर पाऊँगी....
लंबे वक्त से इंतज़ार में हूँ कब तेरे आगोश में समाऊँगी.....
तेरे कोमल होटों को मैं अपने नन्हे हाथो से छू पाउंगी.....
उम्मीद करती हूँ माँ तुझसे अथाह प्यार मैं पाऊँगी.....
तेरे इक स्पर्श से ही रोते रोते चुप जाउंगी......
कभी अकेली महसूस करू तुझ से हर बात बताऊंगी....
रब से भले छुपा लूँ मैं तुझ से न कभी भी छुपाऊँगी.....
हर मुमकिन कोशिश करुँगी मैं तुझको न कभी मैं रुलाऊंगी.....
अपने को अतीत में देखेगी जब हाथों में मेहँदी लगाउंगी....
जिस पल डोली में बैठूंगी नैनो को रोक न पाऊँगी......
बस कस के लग कर गले तेरे मैं रोती रोती जाउंगी.......
है तूने मुझको जन्म दिया एहसान भुला न पाऊँगी.....
एहसान भुला न पाऊँगी.....एहसान भुला न पाऊँगी.....

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