बुधवार, 22 जुलाई 2009

ज़रा सोच के देखो!

ज़रा सोच के देखो, ज़रा सोच के देखो
पत्थर में भी खुदा के दीदार होंगे, ज़रा सोच के देखो
हर रश्क ज़िन्दगी के पार होंगे, ज़रा सोच के देखो
दुश्मनों के दरमियाँ भी यार होंगे, ज़रा सोच के देखो
तबाह हुए बाग़ भी गुलज़ार होंगे, ज़रा सोच के देखो
खुदा से भी नैन यह चार होंगे, ज़रा सोच के देखो
इक दो नही बारम्बार होंगे, ज़रा सोच के देखो
मुसीबतों के दोज़ख भी पार होंगे, ज़रा सोच के देखो
इलाही जन्नत के दीदार होंगे, ज़रा सोच के देखो
आँखों को मूंदने के दरकार होंगे, ज़रा सोच के देखो
तेरे महबूब ही तेरे एहेल्कार होंगे, ज़रा सोच के देखो
ज़रा सोच के देखो, ज़रा सोच के देखो

3 टिप्‍पणियां:

  1. खुदा से भी होंगे नैना चार---
    और वो भी बारम्बार
    वाह जनाब श्याम सखा

    word veri यानि यह बैरी हटाएं

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  2. soche ke dekhne main to sab acha hi lagta hai.... :-)
    good messages conveyed with beautiful phrases....

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