गुरुवार, 9 जुलाई 2009

तेरा चेहरा नज़र आया!!!

जब कभी चाँद की तरफ़ नज़र उठाई, तेरा चेहरा नज़र आया.....
फूलों में दिखी जब कोई परछाई, तेरा चेहरा नज़र आया.....
पलकें मूँद के जब याद की खुदाई, तेरा चेहरा नज़र आया.....
आईने में जा के अपनी सूरत दिखाई, तेरा चेहरा नज़र आया.....
दिल में झाँक के महसूस किया तो, प्यार गहरा नज़र आया......
सूरज की रौशनी में तेरा दीदार किया, रंग सुनेहरा नज़र आया....
खुशकिस्मती से तेरा संग मिला, कुछ और न मुझको नज़र आया......
तेरे सजदे में डूबा रहूँ हर पल, फिर खुदा न मुझको नज़र आया......
मैं काबा जाना छोड़ दूँ, मैं मदीना जाना छोड़ दूँ........
तेरे मुबारक क़दम मेरे दर पे पड़े, मेरा हाकिम ही मेरे घर आया.....
मेरा हाकिम ही मेरे घर आया.....

4 टिप्‍पणियां:

  1. Hello,
    Good work done! Very nice
    Regards,
    Dimple
    http://poemshub.blogspot.com

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  2. तेरे सजदे में डूबा रहूँ हर पल, फिर खुदा न मुझको नज़र आया......
    मैं काबा जाना छोड़ दूँ, मैं मदीना जाना छोड़ दूँ........
    तेरे मुबारक क़दम मेरे दर पे पड़े, मेरा हाकिम ही मेरे घर आया.....
    मेरा हाकिम ही मेरे घर आया.....
    Surender... love says every thing...

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  3. Very Genuine and B E A Utiful. Keep writing.

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