बुधवार, 1 जुलाई 2009

बस ऐसे ही....

किसी ने मुझ से ये कहा तेरी माशूका कैसी दिखती है....
जवाब था कुदरत उसकी आखों के काजल से किस्मत लिखती है.....
फिर उस ने मुझे से ये कहा तेरी माशूका दिखती काली है....
उस पर मेरा जवाब था तेरी आँख ही न देखने वाली है....
तन का रंग देख प्यार करना बस वक्त बिताना खाली है....
सच्चे दिल से जिस से हुई मुहब्बत फ़िर क्या गोरी क्या काली है......
उस पर अगला सवाल आया क्या वोह सच में तेरे अपने हैं.......
फिर कुछ यूं ही दिल से आवाज़ आई मेरे मन में जिसका ख्याल है.....
मेरी इन आँखों में जिसके हुस्न का जलाल है.......
वोह ही मेरे सपने और वोही मेरे अपने हैं......

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